डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आजतक से खास बातचीत में मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी कि मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने सीधे-सीधे नहीं कहा कि एकनाथ शिंदे ही सीएम पद का चेहरा हैं.
देवेंद्र फडणवीस ने महायुति में बगावत की बात से इंकार कर दिया.
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव होने में अब 15 दिन से भी कम समय बचा है. नामांकन भरने की तारीख बीत चुकी है और हर सीट से प्रत्याशियों का एलान हो चुका है. राज्य में मुकाबला महायुति और महाअघाड़ी के बीच है. लेकिन दोनों तरफ के नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि पार्टी ने लगभग सभी बागियों को मना लिया है. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए भी कहा कि इसको लेकर कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है. सीएम पद को लेकर कोई फैसला तीनों दलों के नेता मिलकर लेंगे. फडणवीस ने नवाब मलिक को अजित पवार गुट की तरफ से टिकट दिए जाने पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है.
मुख्यमंत्री के लिए कोई फॉर्मूला तय नहीं
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आजतक से खास बातचीत में मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी कि मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने सीधे-सीधे नहीं कहा कि एकनाथ शिंदे ही सीएम पद का चेहरा हैं या चुनाव के बाद भी उन्हीं के नेतृत्व में महायुति सरकार चलेगी.
फडणवीस ने कहा,
“मैं आज आपको दावे के साथ कहता हूं कि महायुति का मुख्यमंत्री बनेगा. चुनाव के बाद तीनों पार्टियों के राष्ट्रध्यक्ष ये मिलकर तय करेंगे कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा. वो जिस दल का मुख्यमंत्री बनाएंगे, उस दल का मुख्यमंत्री बनेगा. उसको सभी लोग स्वीकृत करेंगे.”
उन्होंने आगे कहा,“लेकिन ये बहुत ही स्वाभाविक है कि हर पार्टी को ये लगे कि उसे ज्यादा सीटें मिले, उसके ज्यादा विधायक चुनकर आए.”
जब फडणवीस से कहा गया कि जिसकी ज्यादा सीटें आती हैं मुख्यमंत्री उसी पार्टी का बनता है. तो क्या इसको लेकर कोई फॉर्मूला तय हुआ है? इस पर फडणवीस ने कहा कि कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है. न नंबर, न स्ट्राइक रेट.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से जब पूछा गया कि क्या इस बार कोई वचन नहीं दिया गया कि कौन कितने समय तक मुख्यमंत्री बनेगा? इस पर उन्होंने कहा कि इस बार कोई ‘म्यूजिकल चेयर’ नहीं होगा. यानी अगर महायुति की सरकार बनती है तो पांच साल के कार्यकाल के लिए एक ही मुख्यमंत्री होगा. उन्होंने कहा,
“जब पॉलिसी तय हो गई कि किस प्रकार से मुख्यमंत्री चुनेंगे तो किसी को वचन देने का सवाल ही नहीं उठता. किसी ने हमसे आकर नहीं कहा कि उनके नेताओं को वचन दीजिए. मुख्यमंत्री शिंदे ने भी नहीं कहा. उनको विश्वास है कि सही निर्णय होगा. हम सब लोग उनके नेतृत्व में काम कर रहे हैं.”
‘ज्यादातर बागी मान गए हैं’
बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) गुट की तरफ से भले कहा जा रहा कि महायुति में सबकुछ ठीक चल रहा, लेकिन गठबंधन में बगावत के सुर छिड़े हैं. ऐसी 36 सीटें हैं जहां बीजेपी-एनसीपी (अजित गुट) और शिवसेना (शिंदे) में आपस में बगावत देखी जा सकती है. फिर इस मसले को महायुति कैसे डील कर रहा?
फडणवीस ने कहा कि बीजेपी ने अधिकतर बागी कैंडिडेट को मना लिया है. उनके मुताबिक,
“कल से लेकर आज तक हमने बागियों को मनाने पर बहुत काम किया. बड़े पैमाने पर लोगों ने अपने पर्चे वापस लिए हैं. अभी ये 36 जगह बची नहीं हैं. शायद इक्का-दुक्का जगह लोग बचे होंगे. बाकी सब जगह हमने इसको मैनेज किया है… इसलिए मैं ऐसा मानता हूं कि ये बगावत बहुत कम हो गई है.”
‘नवाब को टिकट देकर अजित ने ठीक नहीं किया’
महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता नवाब मलिक के टिकट को लेकर बीजेपी और अजित पवार गुट में विवाद हो गया है. अजित की पार्टी ने उन्हें मनख़ुर्द शिवाजी नगर सीट से कैंडिडेट घोषित कर दिया. जिसकी बीजेपी ने जमकर आलोचना की. वहां से शिवसेना (शिंदे गुट) ने भी उम्मीदवार उतार दिया है. ऐसे में अपनी सहयोगी पार्टी के फैसले को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने राय सामने रखी. उन्होंने कहा,
“मुझे निश्चित रूप से ऐसा लगता है कि अजित पवार ने या उनकी पार्टी ने ये सही काम नहीं किया. उन्होंने ऐसा करना नहीं चाहिए था. हमने उनको बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा था. बावजूद उसके उन्होंने नवाब मिलक को टिकट दिया. इसलिए हमारी पार्टी ने ये फैसला किया है. हमने वहां पर शिवसेना को टिकट दिया है. हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि हम वहां पर शिवसेना के उम्मीदवार के लिए काम करेंगे. हम वहां एनसीपी के लिए प्रचार नहीं करेंगे.”
महाराष्ट्र में सत्ता की कुर्सी पर इस बार कौन बैठेगा, इसका फैसला 23 नवंबर को होगा. 288 सीटों के लिए राज्य में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.