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हीमोग्लोबिन ज़्यादा होना भी है खतरनाक, बढ़ जाता है स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का रिस्क

कितनी रेंज High Hemoglobin कहलाती है? हाई हीमोग्लोबिन की वजह क्या है? इसका शरीर पर क्या असर पड़ता है? डॉक्टर से जानिए.

आपने कई बार सुना होगा, फलाने का हीमोग्लोबिन कम था. इसलिए वो खून नहीं दे पाए. या फिर हीमोग्लोबिन इतना कम है कि एनीमिया हो गया. मगर ये हीमोग्लोबिन है क्या? हीमोग्लोबिन हमारे रेड ब्लड सेल्स में पाया जाने वाला प्रोटीन है. इसका काम पूरे शरीर में खून के ज़रिए ऑक्सीजन की सप्लाई करना है.

अब हीमोग्लोबिन कम होना, अच्छी बात नहीं है. लेकिन क्या आपको पता है कि हीमोग्लोबिन ज़्यादा होना भी दिक्कत की बात है. ये हेल्दी नहीं है. अगर आपका हीमोग्लोबिन हाई रहता है, तो खुश होने की ज़रूरत नहीं है. ज़्यादा हीमोग्लोबिन के भी नुकसान हैं.

डॉक्टर से जानेंगे कि हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए. कितनी रेंज हाई हीमोग्लोबिन कहलाती है? हाई हीमोग्लोबिन के पीछे क्या कारण हैं? साथ ही जानेंगे, लगातार हाई हीमोग्लोबिन से शरीर पर क्या असर पड़ता है? किस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं? इससे बचाव और इलाज क्या है?

हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए?

ये हमें बताया डॉ. चारु दत्त अरोड़ा ने.

डॉ. चारु दत्त अरोड़ा, इंफेक्शियस डिज़ीज़ स्पेशलिस्ट, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद

हेल्दी रहने के लिए महिलाओं में हीमोग्लोबिन का लेवल 12 से 15.50 ग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए. पुरुषों में 13 से 17.50 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन ठीक माना जाता है.

कितनी रेंज हाई हीमोग्लोबिन कहलाती है?

अगर महिलाओं में 15.50 ग्राम प्रति डेसीलीटर और पुरुषों में 17.50 ग्राम प्रति डेसीलीटर से ज़्यादा हीमोग्लोबिन है, तो उसे हाई हीमोग्लोबिन कहा जाता है.

हाई हीमोग्लोबिन के पीछे क्या कारण हैं?

– स्मोकिंग

– डिहाइड्रेशन

– दिल से जुड़ी बीमारियां

– सांस से जुड़ी बीमारियां

– कुछ दवाइयां खाने से भी हीमोग्लोबिन हाई हो सकता है.

– वहीं कुछ ब्लड डिसऑर्डर्स में भी हीमोग्लोबिन काफी ज़्यादा बढ़ जाता है.

हाई हीमोग्लोबिन से शरीर पर क्या असर पड़ता है?

-अगर हीमोग्लोबिन लगातार हाई है, तो चार दिक्कतें हो सकती हैं-

– ब्लड वेसल्स यानी खून की नलियों का जाम होना.

– दिल की बीमारियां होना.

– स्ट्रोक का रिस्क बढ़ना.

– सांस लेने में तकलीफ होना.

अगर आपको अपने शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल नहीं पता है. तो कंप्लीट ब्लड काउंट यानी CBC नाम का टेस्ट करा लें.

किस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं?

– सिर दर्द

– सांस लेने में तकलीफ

– स्किन पीली पड़ना

– चक्कर आना

– थकान लगना

अगर ये लक्षण महसूस हों, तो अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.

बचाव और इलाज

– ब्लड टेस्ट कराएं

– एक्सरसाइज़ ज़रूर करें

– पर्याप्त पानी पिएं

– धूम्रपान न करें

– डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लें

– ज़रूरत पड़ने पर रक्तदान करें. ताकि हाई हीमोग्लोबिन की दिक्कत न हो

अगर आपको अपने शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल नहीं पता है. तो कंप्लीट ब्लड काउंट यानी CBC नाम का टेस्ट करा लें. ये एक ब्लड टेस्ट है. इससे पता चल जाता है कि खून में हीमोग्लोबिन कितना है. ये टेस्ट आप अपने नज़दीकी पैथ लैब से करवा सकते हैं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘भगवा न्यूज नेटवर्क ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

 

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